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पुलवामा हमला (Pulwama Attack)
पुलवामा हमला (Pulwama Attack) भारत में जम्मू और कश्मीर के पुलवामा जिले में 14 फरवरी, 2019 को हुआ एक घातक आतंकवादी हमला था। पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद (JeM) से संबंधित एक आत्मघाती हमलावर ने विस्फोटकों से लदे वाहन को सुरक्षाकर्मियों के काफिले में घुसा दिया, जिसमें 40 केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान मारे गए और कई अन्य घायल हो गए।
यह हमला हाल के वर्षों में इस क्षेत्र में सबसे घातक में से एक था और भारत में व्यापक आक्रोश और निंदा का कारण बना। इसने भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव को और भी बढ़ा दिया, दोनों देशों ने नियंत्रण रेखा पर सैन्य अभियानों में संलग्न हो गए।
पृष्ठभूमि
पुलवामा जिला जम्मू और कश्मीर के दक्षिणी भाग में स्थित है और अपने घने जंगलों और पहाड़ी इलाकों के लिए जाना जाता है। यह उग्रवादी गतिविधियों का केंद्र है और अतीत में कई हिंसक घटनाएं देख चुका है।
JeM एक पाकिस्तान स्थित आतंकवादी समूह है जिसकी स्थापना 2000 में हरकत-उल-मुजाहिदीन आतंकवादी समूह के पूर्व सदस्य मसूद अजहर ने की थी। यह समूह भारतीय सुरक्षा बलों के खिलाफ अपने हिंसक हमलों के लिए जाना जाता है और अतीत में कई हाई-प्रोफाइल हमलों के लिए जिम्मेदार रहा है।
JeM का मुख्य उद्देश्य जम्मू और कश्मीर को भारतीय नियंत्रण से मुक्त करना और एक इस्लामिक राज्य की स्थापना करना है। माना जाता है कि इस समूह के पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी, इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के साथ घनिष्ठ संबंध हैं।
आक्रमण
14 फरवरी, 2019 को सीआरपीएफ कर्मियों को ले जा रहे 78 वाहनों का एक काफिला जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा कर रहा था, जब एक आत्मघाती हमलावर ने उसे निशाना बनाया। हमलावर की पहचान आदिल अहमद डार के रूप में हुई है, जो एक स्थानीय कश्मीरी युवक है, जो विस्फोटकों से लदी महिंद्रा स्कॉर्पियो एसयूवी चला रहा था।
जैसे ही काफिला पुलवामा के लेथपोरा इलाके में पहुंचा, हमलावर ने अपने वाहन को सीआरपीएफ कर्मियों को ले जा रही बसों में से एक में टक्कर मार दी। विस्फोट का प्रभाव इतना शक्तिशाली था कि इसने बस को नष्ट कर दिया और काफिले में अन्य वाहनों को व्यापक क्षति पहुंचाई।
यह हमला JeM द्वारा एक सुनियोजित और समन्वित ऑपरेशन था, और बाद में पता चला कि समूह कई महीनों से हमले की योजना बना रहा था। समूह ने एक वीडियो भी जारी किया था जिसमें हमले की जिम्मेदारी लेने और हमलावर को “शहीद” बताने का दावा किया गया था।
परिणाम
पुलवामा हमले ने भारत में व्यापक आक्रोश पैदा किया, देश भर के लोगों ने जानमाल के नुकसान पर अपना गुस्सा और दुख व्यक्त किया। भारत सरकार ने जैश-ए-मोहम्मद और जम्मू-कश्मीर में सक्रिय अन्य आतंकवादी समूहों पर एक बड़ी कार्रवाई शुरू करके हमले का जवाब दिया।
हमले के बाद के दिनों में व्यापक विरोध प्रदर्शन हुए और पाकिस्तान के खिलाफ बदला लेने की मांग की गई। भारत सरकार ने भी पाकिस्तान पर JeM को सहायता प्रदान करने का आरोप लगाया और मांग की कि देश समूह के खिलाफ कार्रवाई करे।
हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव तेजी से बढ़ा। भारत ने पाकिस्तान के बालाकोट क्षेत्र में जैश-ए-मोहम्मद के शिविरों पर सिलसिलेवार हवाई हमले किए और पाकिस्तान ने भारतीय वायु सेना के एक विमान को मार गिराकर और एक पायलट को पकड़कर जवाब दिया।
कई हफ्तों तक स्थिति तनावपूर्ण रही, दोनों देशों ने नियंत्रण रेखा पर तोपखाने की गोलाबारी की। हालाँकि, अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा राजनयिक प्रयासों के बाद तनाव धीरे-धीरे कम हुआ और दोनों देशों ने विभिन्न मुद्दों पर बातचीत फिर से शुरू की।
निष्कर्ष
पुलवामा हमला एक दुखद घटना थी जिसने जम्मू-कश्मीर में चल रहे संघर्ष और क्षेत्र में सक्रिय आतंकवादी समूहों द्वारा उत्पन्न खतरे को उजागर किया। इस हमले के कारण भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव भी बढ़ गया, जिसका क्षेत्रीय स्थिरता पर गंभीर प्रभाव पड़ा।
हमले के बाद, भारत और पाकिस्तान दोनों से संघर्ष के अंतर्निहित कारणों को दूर करने और इस मुद्दे का एक शांतिपूर्ण समाधान खोजने के लिए कदम उठाने का आह्वान किया गया। हालाँकि, इस पर बहुत कम प्रगति हुई है।