● मध्यप्रदेश के प्रमुख मेले (Major Fairs of Madhya Pradesh)–
मेलों में भारतीय संस्कृति की झलक पाई जाती है। इन मेलों में सामाजिकता, संस्कृति आदि का अद्वितीय सम्मिलन होता है। मध्यप्रदेश में 1,400 स्थानों पर मेले लगते हैं। उज्जैन जिले में सर्वाधिक 227 मेले और होशंगाबाद जिले में न्यूनतम 13 मेले आयोजित होते हैं। मार्च, अप्रैल और मई में सबसे ज्यादा मेले लगते हैं, इसका कारण ये हो सकता है कि इस समय किसानों के पास कम काम होता है। जून, जुलाई, अगस्त और सितंबर में नहीं के बराबर मेले लगते हैं। इस समय किसान सबसे अधिक व्यस्त होते हैं और बारिश का मौसम भी होता है। मध्यप्रदेश के प्रमुख मेले निम्नानुसार है:-
✍ सिंहस्थ:- कुंभ
पवित्रतम मेला माना जाता है। इस मेले में लोगों की अत्यंत श्रद्धा रहती है। मध्यप्रदेश का उज्जैन एकमात्र स्थान है। जहां कुंभ का मेला लगता है। विशेषा ग्रह स्थितियों के अनुसार कुंभ मेला लगता है। यह ग्रह स्थिति प्रत्येक बारह साल में आती है। इसलिए उज्जैन में लगने वाले कुंभ को सिंहस्थ कहा जाता है।
✍ रामलीला का मेला:-
ग्वालियर जिले की भांडेर तहसील में यह मेला लगता है। 100 वर्षों से अधिक समय से चला आ रहा यह मेला जनवरी-फरवरी माह में लगता है।
✍ पीर बुधन का मेला:-
शिवपुरी के सांवरा क्षेत्र में यह मेला 250 सालों से लग रहा है। मुस्लिम संत पीर बुधन का यहाँ मकबरा है। अगस्त-सितंबर में यह मेला लगता है।
✍ नागाजी का मेला:-
अकबर कालीन संत नागाजी की स्मृति में यह मेला लगता है। मुरैना जिले के पोरसा गांव में एक माह मेला चलता है। पहले यहाँ बंदर बेचे जाते थे। अब सभी पालतू जानवर बेेचे जाते हैं।
✍ हीरा भूमिया मेला:-
हीरामन बाबा का नाम ग्वालियर और इसके आस-पास के क्षेत्रों में प्रसिद्ध है। यह कहा जाता है कि हीरामन बाबा के आशीर्वाद से महिलाओं का बांझपन दूर होता है। कई सौ वर्षों पुराना यह मेला अगस्त और सिंतबर में आयोजित किया जाता है।
✍ तेताजी का मेला:-
तेताजी सच्चे इंसान थे। कहा जाता है कि उनके पास एक ऐसी शक्ति थी जो शरीर से सांप का जहर उतार देती थी। गुना जिले के भामावड़ में पिछले 70 वर्षों से यह मेला लगता चला आ रहा है। तेताजी की जयंती पर यह मेला आयोजित होता है। निमाड़ जिले में भी इस मेले का आयोजन होता है।
✍ जागेश्वरी देवी का मेला:-
हजारों सालों से अशोक नगर जिले के चंदेरी नामक स्थान में यह मेला लगता चला आ रहा है। कहा जाता है कि चंदेरी के शासक जागेश्वरी देवी के भक्त थे। वे कोढ़ से पीड़ित थे। किंबदंती के अनुसार देवी ने राजा से कहा था कि वे 15 दिन बाद देवी स्थान पर आए किंतु देवी का सिर्फ मस्तक ही दिखाई देना शुरू हुआ था। राजा का कोढ़ ठीक हो गया और उसी दिन से उस स्थान पर मेला लगना शुरू हो गया।
✍ महामृत्यंजना का मेला:-
रीवा जिले में महामृत्यंजना का मंदिर स्थित है जहाँ बसंत पंचमी और शिवरात्रि को मेला लगता है।
✍ अमरकंटक का शिवरात्रि मेला:-
शहडोल जिले के अमरकंटक नामक स्थान (नर्मदा के उद्गम स्थल) में यह मेला लगता है। 80 वर्षों से चला आ रहा यह मेला शिवरात्रि को लगता है।
✍ चंडी देवी का मेला:-
सीधी जिले के धीधरा नामक स्थान पर चंडी देवी को सरस्वती का अवतार माना जाता है। यहाँ पर मार्च-अप्रैल में मेला लगता है।
✍ काना बाबा का मेला:-
होशंगाबाद जिले के सोढलपुर नामक गांव में काना बाबा की समाधि पर यह मेला लगता है।
✍ कालूजी महाराज का मेला:-
पश्चिमी निमाड़ के पिपल्या खुर्द में एक महीने तक यह मेला लगता है। यह कहा जाता है कि 200 वर्षों पूर्व कालूजी महाराज यहाँ पर अपनी शक्ति से आदमियों और जनवरों की बीमारी ठीक करते थे।
✍ धमोनी उर्स:-
सागर जिले के धमोनी नामक स्थान पर बाबा मस्तान अली शाह की मजार पर अप्रैल-मई में यह उर्स लगता है।
✍ शहाबुद्दीन औलिया का उर्स:-
मंदसौर जिले के नीमच नामक स्थान पर फरवरी माह में आयोजित किया जाता है। ये सिर्फ चार दिनों तक चलता है। यहां बाबा शहाबुद्दीन की मजार है।
✍ मठ घोघरा का मेला:-
सिवनी जिले के मौरंथन नामक स्थान पर शिवरात्रि को 15 दिवसीय मेला लगता है। यहाँ पर प्राकृतिक झील और गुफा भी है।
✍ सिंगाजी का मेला:-
सिंगाजी एक महान संत थे। पश्चिमी निमाड़ के पिपल्या गांव में अगस्त-सितंबर में एक सप्ताह को मेला लगता है।
✍ बरमान का मेला:-
नरसिंहपुर जिले के सुप्रसिद्ध ब्रह्मण घाट पर मकर संक्रांति पर 13 दिवसीय मेला लगता है।
मध्यप्रदेश के प्रमुख मेले (Major Fairs of Madhya Pradesh)–
मेले का नाम | स्थान |
---|---|
जागेश्वरी देवी का मेला | चंदेरी (अशोकनगर) |
शरद समैया का मेला | पन्ना |
तेजाजी (तेजा बाबा) का मेला | भामावड़ गांव में (गुना) |
हीरा भूमिया का मेला | ग्वालियर व गुना क्षेत्र में |
चंडीदेवी का मेला | घोघरा गांव (सीधी) |
मठ घोघरा का मेला | मौरंथन (सिवनी) |
मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा व्यापारिक मेला | ग्वालियर |
गधों का मेला | उज्जैन |
सोनागिरी का मेला | दतिया |
रामलीला का मेला | दतिया |
रतनगढ़ का मेला | दतिया |
सनकुआ का मेला | दतिया |
बड़ोनी का मेला | दतिया |
बांदकपुर का मेला | दमोह |
मेघनाथ मेला | उमरेठ (छिंदवाड़ा) |
शंकरजी का मेला | चौरागढ़ (पचमढ़ी) |
मड़ई का मेला | डिंडोरी |
बाणगंगा का मेला | शहडोल |
सिद्धेश्वर बाणगंगा मेला | शिवपुरी |
बालाजी का मेला | बुरहानपुर |
रहस मेला | गढाकोटा (सागर) |
नागाजी का मेला | पोरसा (मुरैना) |
रामलीला का मेला | भांडेर (दतिया) |
शिवरात्रि का मेला | अमरकंटक (अनूपपुर) |
महामृत्युंजय का मेला | रीवा |
कालूजी महाराज मेला | पिपल्या खुर्द (खरगौन) |
सिंगाजी का मेला | पिपल्या खुर्द (खरगौन) |
बरमान का मेला | गाडरवाडा (नरसिंहपुर) |
नवग्रह का मेला | खरगौन |
चामुंडा देवी का मेला | देवास |
शहीद मेला | सनावद (खरगौन) |
सिद्धेश्वर मेला | शिवपुरी |
बल दाऊजी का मेला | पन्ना |
इज्तिमा का मेला | भोपाल |
जल बिहार मेला | छतरपुर |
मांधाता का मेला | ओंकारेश्वर (खंडवा) |
धर्मराजेश्वर मेला | मंदसौर |
भगोरिया हाट | झाबुआ |
नौदेवी का मेला | रावतपुरा (भिण्ड) |
सलकनपुर का मेला | बुधनी (सीहोर) |
भैरवनाथ का मेला | सिवनी |
कुंडेश्वर का मेला | टीकमगढ़ |
रामजी बाबा का मेला | होशंगाबाद |
काना बाबा मेला | सोडलपुर (हरदा) |
पीरबुधान मेला | सांवरा (शिवपुरी) |
धामोनी उर्स | धामोनी (सागर) |
सलकनपुर मेला | सलकनपुर (होशंगाबाद) |
शंकर जी का मेला | धारागढ (पंचमढ़ी) |
गरीब नाथ बाबा का मेला | अवंतिपुर बड़ोदिया (शाजापुर) |
चंडी देवी का मेला | घोघरा गांव (सीधी) |
बाबा शहाबुद्दीन औलिया उर्स | नीमच |
रावतपुरा सरकार का मेला | भिण्ड, लहार तह. के रावतपुरा में |
कपिलेश्वर मंदिर का मेला | सारंगपुर (राजगढ़) |
मध्यप्रदेश के प्रमुख मेलों पर आधारित प्रश्नोंत्तर–
प्रश्न 1- गोटमार का मेला कहां और किस नदी के तट पर लगता है ?
उत्तर – जाम नदी (छिंदवाड़ा)
प्रश्न 2- मध्यप्रदेश में सर्वाधिक मेले किस जिले में लगते हैं ?
उत्तर– उज्जैन
प्रश्न 3- मध्यप्रदेश मे सबसे कम मेले कहाँ लगते है ?
उत्तर– होशंगाबाद
प्रश्न 4- किस बाबा के आशीर्वाद से महिलाओं का बांझपन दूर हो जाता है ?
उत्तर– हीरामन बाबा (ग्वालियर व गुना क्षेत्र में)
प्रश्न 5- चंदेरी के शासक कीर्तिपाल किसके भक्त थे ?
उत्तर– जागेश्वरी देवी
प्रश्न 6- चंदेरी के शासक कीर्तिपाल किस नामक बीमारी से पीड़ित थे ?
उत्तर– कुष्ठ रोग नामक बीमारी
यह भी पढ़ें:-
☛ मध्यप्रदेश में पंचायती राज । Panchayati Raj in Madhya Pradesh
☛ मध्यप्रदेश की जलवायु एवं वर्षा । Climate and rainfall of MP
(आप हमें Facebook, Twitter, Instagram और Pinterest पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।)