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ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen concentrator)-
ऑक्सजीन कंसंट्रेटर (Oxygen concentrator) एक मेडिकल डिवाइस है, जो आसपास की हवा से ऑक्सीजन को एक साथ इकट्ठा करता है। हमारे आसपास मौजूद हवा में कई तरह की गैस मौजूद हैं। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर उस हवा में से ऑक्सीजन को अलग करता है। ये कंसंट्रेटर वातावरण में मौजूद हवा को अपने अंदर लेकर उसमें से दूसरी गैसों को अलग कर शुद्ध ऑक्सीजन सप्लाई करता है। ये डिवाइस 5 से 10 लीटर प्रति मिनट के फ्लो रेट से लगातार ऑक्सीजन की सप्लाई कर सकती है।
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen concentrator) के कार्य–
➢ ऑक्सजीन कंसंट्रेटर हवा में से ऑक्सीजन को अलग करती है और मरीज को 95% तक शुद्ध ऑक्सीजन देती है।
➢ एक कंसंट्रेटर एक मिनट में 5 से 10 लीटर ऑक्सीजन सप्लाई कर सकता है।
➢ इसे ऑक्सीजन सिलेंडर की तरह बार-बार रिफिल करने की जरूरत नहीं है।
➢ ऑक्सीजन कंसंट्रेटर के अलावा किसी और डिवाइस की आवश्यकता नहीं है।
➢ एक अच्छा कंसंट्रेटर लगातार 24 घंटे भी इस्तेमाल में लिया जा सकता है।
➢ इसके ट्रांसपोर्ट और मेंटेनेंस का भी कोई खर्चा नहीं है।
➢ बिजली न होने पर इसे इनवर्टर या बैटरी से भी चलाया जा सकता है।
➢ ऑक्सीजन कंसंट्रेटर में 90 से 95% शुद्धता वाली ऑक्सीजन होती है वहीं, ऑक्सीजन सिलेंडर में 98% या इससे अधिक शुद्ध ऑक्सीजन होती है।
पर्यावरण में गैसों की मात्रा (Gases in the environment)–
पर्यावरण की हवा में 78 फीसदी नाइट्रोजन और 21 फीसदी ऑक्सीजन गैस होती है तथा वायुमण्डल में अन्य गैसें 1 फीसदी हैं। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen concentrator) इस हवा को अंदर लेता है, उसे फिल्टर करता है, नाइट्रोजन को वापस हवा में छोड़ देता है और बाकी बची ऑक्सीजन मरीजों को उपलब्ध कराता है।
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर का इस्तेमाल करते वक्त क्या सावधानियां रखें ?
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen concentrator) हल्के और मध्य लक्षणों वाले कोविड-19 मरीजों के लिए काफी उपयोगी है। खास तौर पर ऐसे मरीजों के लिए जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 85 फीसदी या उससे ज्यादा होता है। लेकिन गंभीर स्थिति वाले कोरोना के मरीजों के लिए यह कारगर नहीं है। जिन मरीजों को आईसीयू में भर्ती करने की जरूरत हो, उनका काम इससे नहीं चल सकता, क्योंकि उन्हें एक मिनट में 24 लीटर या उससे भी ज्यादा ऑक्सीजन की जरूरत पड़ सकती है। हालांकि जब तक मरीज को सिलेंडर के जरिए पर्याप्त ऑक्सीजन देने की पक्की व्यवस्था नहीं हो जाती, तब तक कंसंट्रेटर उनकी जान बचाने के काम आ सकते हैं।
➢ कुछ कंसंट्रेटर ऐसे होते हैं जिसमें एक से ज्यादा मरीजों को एक साथ ऑक्सीजन दी जा सकती है, लेकिन इसका इस्तेमाल भी न करें। इसमें भी क्रॉस इन्फेक्शन का खतरा रहता है।
➢ हवा का फ्लो बना रहे, इसका भी ध्यान रखें। जैसे-एसी रूम में नेचुरल एयर फ्लो कई बार कम रहता है, ऐसे में कंसंट्रेटर की इफेक्टिविटी प्रभावित हो सकती है।
➢ कंसंट्रेटर में लगे ह्यूमिडफायर में पानी भरते समय ध्यान रखें कि जितना मैक्सिमम वाटर लेवल लिखा हो, वहीं तक पानी भरें। उससे ज्यादा नहीं।
➢ उन्हीं मरीजों के लिए इसका इस्तेमाल करें जिनका ऑक्सीजन सेचुरेशन लेवल 94 से 85 के बीच हो।
➢ ऑक्सीजन का फ्लो रेट सही हो, इसका ध्यान रखें। ऑक्सीजन कंसंट्रेटर खरीदते वक्त फ्लो रेट जरूर चेक करे क्योकि फ्लो रेट सही लिखा होने पर कंसंट्रेटर जरूरी नहीं उतना ही फ्लो रेट दे।
ऑक्सीजन कंसंट्रेटर (Oxygen concentrator) कैसे काम करता है ?
ऑक्सीजन सिलेंडर में शुद्ध ऑक्सीजन की एक तय मात्रा भरी होती है। जिसे लगाते ही मरीज को उसकी जरूरत के मुताबिक शुद्ध ऑक्सीजन दी जा सकती है, लेकिन ऑक्सीजन कंसंट्रेटर वातावरण में मौजूद हवा में से ऑक्सीजन को फिल्टर करके देता है।
इसे काम करने के लिए लगातार बिजली की सप्लाई चाहिए होती है। इसके अलावा ये सिलेंडर की तुलना में महंगा होता है। एक कंसंट्रेटर 30 हजार से लेकर 2.5 लाख रुपए तक का आता है। हालांकि, इसे एक बार खरीदने के बाद इसे लगभग 5 साल तक इस्तेमाल किया जा सकता है। बस समय-समय पर इसके फिल्टर बदलते रहना है।
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