म.प्र. की जलवायु एवं वर्षा । M.P. Climate and rainfall

M.P. Climate and rainfall

यहाँ पर हमने म.प्र. की जलवायु एवं वर्षा (M.P. Climate and rainfall) से संबंधित परीक्षा उपयोगी महत्वपूर्ण तथ्य तैयार किये है। अक्सर परीक्षाओं में M.P. Climate and rainfall से संबंधित प्रश्न पूछे जाते है। यदि आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है तो आपको इन प्रश्नों (तथ्यों) को अच्छी तरह से याद कर लेना चाहिए।

M.P. Climate and rainfall (म.प्र. की जलवायु एवं वर्षा)

➢ म.प्र. में ऋतु संबंधी आँकड़े एकत्रित करने वाली वेधशाला इन्दौर में है।

➢ भारत का हृदय प्रदेश होने के कारण म.प्र. की जलवायु मानसूनी जलवायु है।

➢ मध्यप्रदेश के मध्य से कर्क रेखा गुजरती है, इसलिए यहाँ अधिक गर्मी होती है।

➢ जून के मध्य तक ऊपरी म.प्र. के ग्वालियर, भिण्ड, मुरैना, दतिया आदि जिलों में तापमान उच्चांक को छूने लगता है।

➢ मध्यप्रदेश में मानसूनी हवाओं से वर्षा होती है किन्तु समुद्र तट से दूर होने के कारण वर्षा प्रायः कम होती है।

➢ म.प्र. में अरब सागर एवं बंगाल की खाड़ी दोनों मानसूनों से वर्षा होती है।

➢ सर्वाधिक तापमान गंजबासौदा (विदिशा) 1995 में 48.7 डिग्री मापा गया है।

➢ 2008-12 में सर्वाधिक तापमान खजुराहो , बड़वानी तथा वर्ष 2013 में छतरपुर जिले के खजुराहो एवं नौगांव में दर्ज किया गया है।

➢ सबसे कम तापमान पचमढ़ी (होशंगाबाद) का मापा गया है।

➢ प्रदेश में औसत वर्षा 112 से.मी. होती है।

➢ 75 सेमी से कम वर्षा का क्षेत्र पश्चिमी क्षेत्र है।

➢ 75 सेमी से अधिक वर्षा का क्षेत्र पूर्वी है।

➢ सबसे अधिक वर्षा पचमढ़ी में 199 सेमी. होती है।

➢ सबसे कम वर्षा भिण्ड में 55 सेमी. होती है।

➢ सूर्य की स्थिति में परिवर्तन होने से ताप और दाब में परिवर्तन होने से जलवायु में परिवर्तन आता है।

➢ सूर्य का उत्तरायण होना 21 मार्च और 23 सितम्बर को सूर्य भूमध्य रेखा पर लम्बवत चमकता है। जिससे दिन – रात बराबर होते हैं।

➢ 21 जून को सूर्य कर्क रेखा पर लम्बवत चमकता है। इस समय उत्तरी गोलार्द्ध पर ताप बढ़ जाता है।

➢ अधिकांश वर्षा दक्षिणी – पश्चिमी मानसून से होती है।

➢ दिसम्बर एवं जनवरी में वर्षा चक्रवातों के कारण होती है।

➢ म.प्र. की जलवायु उष्ण कटिबंधीय है।

➢ कर्क रेखा म.प्र. के बीचों – बीच से गुजरती है।

➢ असमान वर्षा के कारण म.प्र. को ‘अकाल की पेटी’ कहा जाता है।

➢ म.प्र. को वर्षा की दृष्टि से तीन भागों में बाँट सकते हैं।

➢ कर्क रेखा म.प्र. के 14 जिलों से गुजरती है।

म.प्र. की जलवायु के आधार पर विवरण

जलवायु के आधार पर भागविवरण
उत्तर का मैदानयहाँ पर ग्रीष्म ऋतु में अधिक गर्मी व शीत ऋतु में अधिक ठंडी पड़ती है। बुन्देलखण्ड, रीवा पन्ना का पठार, मध्य भारत।
विध्याचल पर्वतीय क्षेत्रयहाँ पर ग्रीष्म ऋतु में साधारण गर्मी तथा शीत ऋतु में साधारण ठण्ड पड़ती है।
मालवा का पठारयहाँ की जलवायु समशीतोष्ण है।
नर्मदा घाटीकर्क रेखा नर्मदा नदी के लगभग समान्तर गुजरती है। इसलिए ग्रीष्म ऋतु अधिक गर्म व शीत ऋतु साधारण ठंड रहती है।

म.प्र. की वर्षा के आधार पर विवरण

वर्षा के आधार पर भागवर्षा
कम वर्षा वाला भागऔसत वर्षा 25-75 सेमी. भिण्ड, मुरैना, ग्वालियर, दतिया, शिवपुरी, मालवा का पठार।
अधिक वर्षा वाला भागसतपुड़ा की श्रेणी, पूर्वी भाग
सामान्य वर्षा वाला भागविध्याचल पर्वत की उच्च पर्वत श्रेणियाँ, 100-150 सेमी वर्षा होती है।

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