यहाँ पर हमने म.प्र. में नगरीय निकाय (Urban bodies in MP) से संबंधित महत्वपूर्ण तथ्य दिए जो प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछें जाने की संभावना रखते है। यदि आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे:एसएससी, आईपीएस, पुलिस सब-इंस्पेक्टर, बैंक पी.ओ, सी.डी.एस, संविदा शिक्षक, पी.एस.सी, रेलवे, पटवारी, कांस्टेबल, व्यापमं तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है तो यह Urban bodies in MP से संबंधित प्रश्न (तथ्य) आपके लिए सहायक सिद्ध होंगे। धन्यवाद दोस्तों !
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म.प्र. में नगरीय निकाय (Urban bodies in MP) –
➢ म.प्र. राज्य का पहला नगर निगम – जबलपुर (1864)
➢ राज्य की सर्वप्रथम नगर पालिका – दतिया (1907)
➢ राज्य की स्थापना 1 नवम्बर 1956 के बाद नगरपालिका अधिनियम 1956 लागू हुआ। बाद में म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1961 पारित हुआ।
➢ 30 दिसम्बर 1993 को विधानसभा में म.प्र. नगरपालिका विधेयक पारित हुआ।
➢ म.प्र. में प्रथम नगरपालिका का गठन 1864 में जबलपुर में हुआ था।
➢ 1992 में 74 वाँ संविधान संशोधन अधिनियम बना जो 16 जनवरी 1993 से लागू हुआ।
➢ म.प्र. में 74 वाँ संविधान के क्रियान्वयन हेतु म.प्र. नगरपालिका अधिनियम 1994 पारित किया गया। इसके तहत त्रि – स्तरीय नगरीय निकायों की व्यवस्था की गई है।
➢ म.प्र. इस अधिनियम का अनुपालन करने वाला देश का प्रथम राज्य है।
➢ कार्यकाल 5 वर्ष होता है।
➢ Right to Recall के माध्यम से वापस भी बुलाया जा सकता है। कम से कम दो वर्ष बीत गये हो एवं अन्तिम छ: माह पूर्व होना चाहिए।
➢ मध्यप्रदेश में स्थानीय संस्थाओं में महिला प्रतिनिधित्व 50% है।
म.प्र. के नगर निगम -16
इन्दौर | सागर | बुरहानपुर | कटनी |
भोपाल | रीवा | रतलाम | सतना |
जबलपुर | उज्जैन | देवास | छिन्दवाड़ा |
ग्वालियर | खण्डवा | सिंगरौली | मुरैना |
नगर निगम (Municipal council) –
➢ शहरी ग्रामीण संबंध समिति ने सिफारिश की थी कि ऐसे क्षेत्र में नगर निगम स्थापित किए जाएँ जहाँ जनसंख्या 5 लाख व आय एक करोड़ रुपये वार्षिक हो।
➢ नगर निगम में सदस्यों पार्षद की संख्या 40 से 85 तक होती है।
➢ महापौर एवं पार्षदों का चुनाव प्रत्यक्ष रीति से होता है।
➢ नगर निगमों की संख्या म.प्र. में 16 है।
➢ महापौर नगर का प्रथम नागरिक होता है।
➢ मुख्य प्रशासनिक अधिकारी निगम आयुक्त होता है तथा राजनैतिक प्रमुख महापौर होता है।
➢ मेयर इन कौसिल नगर निगम की मुख्य समिति है। इस समिति का महापौर पदेन अध्यक्ष होता है।
➢ नगर निगम परिषद में लोकसभा, राज्यसभा, विधानसभा के पदेन सदस्य होते हैं। 6 विशेषज्ञ सदस्य राज्यपाल द्वारा नियुक्त होते हैं।
नगर पालिका (Municipality) –
➢ वर्तमान में म.प्र. में 99 नगरपालिका हैं।
➢ नगरपालिका में सदस्यों की संख्या 15 से 40 होती है।
➢ 20 हजार से अधिक व एक लाख से कम जनसंख्या वाले क्षेत्रों में गठित की जाती है।
➢ नगर पालिका का प्रशासनिक प्रमुख मुख्य कार्यपालन अधिकारी (CMO) एवं राजनैतिक प्रमुख नगरपालिका अध्यक्ष होता है।
➢ अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रीति एवं उपाध्यक्ष का अप्रत्यक्ष रीति से किया जाता है।
➢ मनोनीत सदस्यों की संख्या 4 होती है।
➢ नगर पालिका की सीमिति को प्रेसीडेन्ट इन कौसिल कहा जाता है।
➢ समिति का अध्यक्ष नगर पालिका अध्यक्ष पदेन अध्यक्ष होता है।
➢ समिति में 8 सदस्य होते हैं।
नगर पंचायत (Nagar Panchayat) –
➢ नगर पंचायतें संक्रमणशील क्षेत्रों में गठित की जाती हैं।
➢ नगर पंचायत 5 हजार से अधिक एवं 20 हजार से कम जनसंख्या होती है।
➢ वर्तमान में नगर पंचायतों की संख्या 264 है।
➢ नगर पंचायत में सदस्यों की संख्या 15 से 40 होती है।
➢ नगर पंचायत का प्रशासनिक प्रमुख मुख्य कार्यपालक अधिकारी (CMO) होता है।
➢ अध्यक्ष का चुनाव प्रत्यक्ष रीति से एवं उपाध्यक्ष का चुनाव अप्रत्यक्ष रीति से होता है।
➢ नगर पंचायत की समिति को प्रेसीडेन्ट इन कौसिल कहा जाता है।
➢ समिति का अध्यक्ष नगर पंचायत अध्यक्ष पदेन अध्यक्ष होता है।
➢ अध्यक्ष सहित कुल छ: सदस्य होते हैं।
➢ विशेषज्ञ सदस्य राज्यपाल द्वारा मनोनीत तथा बाकी सांसद विधायक आदि होते हैं।
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