मध्यप्रदेश का गठन (Formation of Madhya Pradesh) कब हुआ, किसने मध्यप्रदेश नाम दिया, राजधानियाँ और उनके प्रान्त क्षेत्र आदि कई सवालों के जवाब इस पोस्ट में आपको मिल जायेगे। मध्यप्रदेश के गठन से लेकर मध्यप्रदेश के नवगठित जिलों के नाम तक का वर्णन एवं महत्वपूर्ण फैक्ट दिए है, जो आपको किसी भी कॉम्पिटिटिव एग्जॉम को क्रैक करने में मददगार एवं उपयोगी सिद्ध होंगे। यदि आपको प्रश्नों में किसी प्रकार की त्रुटि या डाउट है तो आप कमेंट के माध्यम से पूछ सकते है। आप इस कंटेंट को इंग्लिश में पढ़ना चाहते है तो मेनू में जाकर लैंग्वेज सेलेक्ट कर लैंग्वेज को चेंज कर सकते है। धन्यवाद !
मध्यप्रदेश का गठन (Formation of Madhya Pradesh) –
प्रदेश को मध्यप्रदेश नाम भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने दिया। म.प्र. देश के मध्य में स्थित है, इसलिए इसे हदय प्रदेश भी कहा जाता है। इसे हदय प्रदेश, लघु भारत, मध्यभारत, सोया स्टेट, टाइगर स्टेट, नदियों का मायका, हीरा राज्य, सेन्ट्रल प्रोविंसेस एवं बरार अन्य नाम है। ब्रिटिशकाल में म.प्र. नाम से कोई राज्य नहीं था परन्तु सेन्ट्रल प्रोविन्स एवं बरार के नाम से जाना जाता था।
मध्यप्रदेश राज्य को मूल रूप से 2 नवंबर 1861 को मध्य क्षेत्र (सेंट्रल प्राविंस) के रूप में सृजित किया गया था। क्षेत्र न्यायिक आयुक्त द्वारा प्रशासित था और नागपुर स्थित न्यायिक आयुक्त का न्यायालय क्षेत्र का शीर्ष न्यायालय था। 1921 में इसे राज्यपाल प्रांत (गवर्नर्स प्राविंस) में परिवर्तित कर दिया गया। तब यह प्रांत न्याय-प्रशासन हेतु पूर्ण उच्च-न्यायालय का हकदार हो गया। वित्तीय व प्रशासनिक कठिनाइयां 15 वर्षों तक सेंट्रल प्राविंस के लिए उच्च न्यायालय के इंकार में परिणित हुई।
इसी बीच, निजाम राज्य हैदराबाद के एक भाग बरार को सेंट्रल प्राविंस में 1933 में स्थान्तरित कर दिया गया। इसके चलते प्रदेश को नया नाम सेंट्रल प्राविंस तथा बरार मिला। इसके बाद सम्राट जार्ज पंचम द्वारा 2 जनवरी 1936 को भारत सरकार अधिनियम 1915 की धारा 108 के अंतर्गत जारी लेटर्स पेटेंट के मार्फत सेंट्रल प्राविंस व बरार प्रांत के लिए नागपुर उच्च न्यायालय की स्थापना की गई। ये लेटर्स पेटेंट, जिनके अंतर्गत नागपुर उच्च न्यायालय की स्थापना तथा क्षेत्राधिकार निहित किया गया था, 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान के अंगीकृत किए जाने के बाद भी इसके अनुच्छेद 225 व 372 के द्वारा प्रवृत्त रहे।
नवंबर 1956 को राज्य पुनर्गठन अधिनियम अधि नियमित किया गया। नए मध्यप्रदेश राज्य का गठन इसकी धारा 9 के अंतर्गत किया गया। राज्य पुनर्गठन अधिनियम की धारा 49की उपधारा (1) विहित करती है कि नियुक्ति दिवस अर्थात 1 नवंबर 1956 से, वर्तमान मध्यप्रदेश राज्य के संबंध में अधिकारिता का प्रयोग करने वाले उच्च न्यायालय, अर्थात नागपुर उच्च न्यायालय, वर्तमान मध्यप्रदेश राज्य हेतु उच्च न्यायालय समझा जाएगा।
इस प्रकार नागपुर उच्च न्यायालय को समाप्त नहीं किया गया, बल्कि मध्यप्रदेश के लिए यह अपनी जबलपुर स्थित शाखा के साथ उच्च न्यायालय बन गया। मुख्य न्यायाधिपति के 1 नवंबर 1956 के आदेश द्वारा मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की अस्थायी पीठों का गठन इंदौर तथा ग्वालियर में किया गया। बाद में, राज्य पुनर्गठन अधिनियम 1956 की धारा 51 की उपधारा (2) द्वारा प्रदत्त शक्तियों के प्रयोग में 28 नवंबर 1968 को जारी राष्ट्रपति अधिसूचना द्वारा इंदौर तथा ग्वालियर में मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय की स्थाई पीठों की स्थापना की गई। यह स्थिति 1 नवंबर 2000 तक रही, जब मध्यप्रदेश पुनर्गठन अधिनियम 2000 के उपबंधों के अधीन वर्तमान मध्यप्रदेश राज्य से छत्तीसगढ़ राज्य का सृजन किया गया। इस राज्य के लिए छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय की स्थापना बिलासपुर में इस की पीठ के साथ की गई। तब जबलपुर स्थित मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय उत्तरवर्ती मध्यप्रदेश राज्य हेतु उच्च न्यायालय बन गया।
मध्य प्रदेश की राजधानियाँ एवं उनके प्रान्त क्षेत्र –
क्र. | पार्ट | राजधानी | प्रान्त क्षेत्र | प्रमुख |
---|---|---|---|---|
1. | पार्ट A | नागपुर | सेन्ट्रल प्रोविन्स, बरार, छत्तीसगढ़, बघेलखण्ड, मध्यप्रदेश | प. रविशंकर शुक्ल |
2. | पार्ट B | इन्दौर, ग्वालियर | पूर्व मध्यप्रदेश के पश्चिम की रियासतें, मध्यभारत | लीलाधर सेठ |
3. | पार्ट C | रीवा | उत्तर में स्थित रियासतें, विंध्यप्रदेश | प. रविशंकर शुक्ल |
4. | भोपाल स्टेट | भोपाल | — | डॉ. शंकरदयाल शर्मा |
➢ 29 दिसम्बर 1953 में बने फजल अली की अध्यक्षता में गठित राज्य पुनर्गठन आयोग की अनुशंसा पर 1 नवम्बर 1956 को नवीन म.प्र. का गठन हुआ।
➢ राज्य पुनर्गठन आयोग 1953 की सिफारिशों के आधार पर –
(i) बुलढाना, भण्डारा, अकोला, अमरावती, वर्धा, यवतमाल, नागपुर, चाँदा को तत्कालीन मुम्बई राज्य में मिला दिया। शेष Part-A का भाग वर्तमान म.प्र. का भाग बना।
(ii) मंदसौर जिले की भानपुरा तहसील के सुनेल टप्पा को छोड़कर शेष भाग को म.प्र. में मिला लिया।
(iii) कोटा जिले की सिरोंज तहसील को म.प्र. के विदिशा जिले में मिला दिया। शेष Part – B का हिस्सा वर्तमान म.प्र. का अंग है।
(iv) Part – C (रीवा) का पूरा – पूरा भाग वर्तमान म.प्र. में मिलाया गया।
(v) भोपाल राज्य भी वर्तमान म.प्र. का हिस्सा है।
➢ समस्त परिवर्तन सहित 1 नवम्बर 1956 को म.प्र. का गठन हुआ।
➢ म.प्र. की राजधानी भोपाल रखी गई जो सीहोर जिले की तहसील थी।
➢ नवनिर्मित म.प्र. में 43 जिले एवं 9 संभाग थे।
➢ 26 जनवरी 1972 को भोपाल, राजनांदगाँव दो नये जिले बनाये गये, जिलों की संख्या 45 हो गई है।
➢ 1980 में चम्बल एवं बस्तर सम्भाग का गठन किया गया।
➢ बाद में होशंगाबाद को भी सम्भाग बनाया गया। इस प्रकार 45 जिले एवं 12 संभाग हो गये।
➢ 1982 में बी.पी. दवे की अध्यक्षता में जिला पुनर्गठन आयोग का – गठन किया गया।
➢ 1998 में 10 नये जिलों का निर्माण हुआ।
➢ 1998 में एम.एम. सिंहदेव समिति की सिफारिश पर 6 जिले और बनाये गए, इस प्रकार 61 जिले हो गये थे।
➢ 31 अक्टूबर 2000 को म.प्र. से छत्तीसगढ़ के अलग होने से 3 संभाग व 16 जिले नवीन राज्य में चले गये। इस प्रकार 9 सम्भाग व 45 जिले शेष बचे।
➢ 15 अगस्त 2003 में बुरहानपुर (खण्डवा), अनूपपुर (शहडोल) अशोकनगर (गुना) नये जिलों का निर्माण किया गया।
➢ 17 मई 2008 को आलीराजपुर व 24 मई 2008 को सिंगरौली व 16 अगस्त 2013 को आगर – मालवा नये जिलों के निर्माण के साथ म.प्र. में जिलों की संख्या 51 हो गई। शहडोल को नया संभाग बनाया गया।
➢ होशंगाबाद संभाग का नाम नर्मदापुरम किया गया।
➢ वर्तमान मध्यप्रदेश में 52 जिले व 10 संभाग हैं।
➢ निवाड़ी जिले को टीकमगढ़ जिले से 1 अक्टूबर 2018 को गठित कर मध्य प्रदेश का 52वां जिला बनाया गया।
➢ म.प्र. को 1956 से पूर्व ‘मध्यभारत‘ कहा जाता था।
➢ म.प्र. में जिलों का निर्माण बी.पी. दवे आयोग की अनुशंसा अनुसार होता रहा।
➢ आलीराजपुर जिले के भाबरा का नाम फरवरी 2010 में चंद्रशेखर आजाद नगर घोषित किया गया।
म.प्र. के नवगठित जिलों के नाम –
क्र. | नवीन जिले | गठन का वर्ष | मूल जिले का नाम |
---|---|---|---|
1. | श्योपुर | 1998 | मुरैना |
2. | उमरिया | 1998 | शहडोल |
3. | नीमच | 1998 | मन्दसौर |
4. | हरदा | 1998 | होशंगाबाद |
5. | कटनी | 1998 | जबलपुर |
6. | डिण्डोरी | 1998 | मण्डला |
7. | बड़वानी | 1998 | पश्चिम निमाड़ (खरगोन) |
8. | बुरहानपुर | 2003 | खण्डवा (पूर्व निमाड़) |
9. | अशोकनगर | 2003 | गुना |
10. | अनूपपुर | 2003 | शहडोल |
11. | आलीराजपुर | 2008 | झाबुआ |
12. | सिंगरौली | 2008 | सीधी |
13. | आगर मालवा | 2013 | शाजापुर |
14. | निवाड़ी | 2018 | टीकमगढ़ |
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