कौन होते हैं प्रवासी भारतीय ?
प्रवासी भारतीय नागरिक (Overseas Indian Citizen) अथवा भारतीय मूल वे लोग हैं, जो विदेशों में स्थाई रूप से रह रहे हैं। इन्हें ओवरसीज इंडियन भी कहा जाता है। इस प्रकार कहा जा सकता है कि प्रवासी भारतीय लोगों को एक ऐसा समुदाय है जो विभिन्न धर्मों, भाषा और संस्कृति और मान्यताओं का प्रतिनिधित्व करता है। सर्वाधिक प्रवासी भारतीय संयुक्त राज्य अमेरिका में रहते हैं यहाँ इनकी संख्या लगभग 30 लाख है।
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के 9 जनवरी को दक्षिण अफ्रीका से भारत पहुंचने की स्मृति में भारत सरकार प्रतिवर्ष 7 से 9 जनवरी को प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का आयोजन करती है। जिसमें विदेशों में रह रहे अनिवासी भारतीयों तथा भारतीय मूल के विदेशी नागरिकों को उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल करने के लिए सम्मानित किया जाता है तथा उन्हें भारत के विकास में योगदान देने के लिए प्रेरित किया जाता है।
प्रथम प्रवासी भारतीय दिवस–
प्रथम प्रवासी भारतीय दिवस 9 जनवरी 2003 को मनाया गया था। वर्तमान में प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन 9 जनवरी,2020 को नई दिल्ली में संपन्न हुआ है। इस दिवस को मनाने के पीछे मुख्य वजह डॉक्टर एल एम सिंघवी समिति की 18 अगस्त 2000 को प्रस्तुत वह रिपोर्ट थी जिसमें प्रवासी भारतीयों पर बनाई गई उच्चस्तरीय कमेटी को पहला ऐतिहासिक कदम बताते हुए आशा व्यक्त की गई थी कि कमेटी द्वारा जो सुझाव दिए गए हैं, यह उस पर सरकार पहल करेगी। इस दिन प्रवासी भारतीयों को सम्मानित करने के साथ-साथ उनकी समस्याओं को सुना समझा जाता है तथा उनके भारत के विकास में योगदान आदि मुद्दों पर चर्चा की जाती है।
प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार–
प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार प्रवासी भारतीय दिवस सम्मेलन का एक हिस्सा इसकी शुरुआत 2003 में की गई थी। यह प्रवासी भारतीयों को दिया जाने वाला सबसे प्रतिष्ठित सम्मान माना जाता है।
प्रवासी भारतीयों को देने के लिए इस पुरस्कार की कुछ शर्ते हैं जो निम्नलिखित हैं।
- आर्थिक सांस्कृतिक और वैज्ञानिक क्षेत्र में भारत और विदेशों में सामाजिक और मानवीय कार्य में उल्लेखनीय योगदान।
- भारतीयों की विदेशों में बेहतर सूझ-बूझ के प्रति योगदान तथा भारत की चिंताओं के प्रति वास्तविक रूप से सहायता।
- किसी भी क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान जिससे उनके निवास के देश में भारत की प्रतिष्ठा बढ़ी हो।
- लोक उपकार एवं धर्मार्थ कार्य तथा विदेशों में सामाजिक और मानवीय कार्य में उल्लेखनीय योगदान।
पर्सन ऑफ इंडियन ऑरिजिन कार्ड (PIO Card)–
भारत सरकार ने वर्ष 1999 में पर्सन ऑफ इंडियन ओरिजिन कार्ड की शुरुआत की। इस कार्ड का प्रयोग उन प्रवासी भारतीयों द्वारा किया जा सकता है, जिनके पास भारतीय पासपोर्ट है या उनके पिता अथवा दादा भारत सरकार अधिनियम -1935 के अनुसार भारत के नागरिक रहे हो। ऐसे लोग जिनके पास पीआईओ कार्ड है, उन्हें भारत आने के लिए वीजा की आवश्यकता नहीं होती तथा वे 180 दिनों तक भारत में रह सकते हैं।
प्रवासी भारतीयों के लिए योजनाएं–
प्रवासी भारतीयों को भारत की ओर करीब लाने के लिए भारत सरकार ने कई योजनाएं शुरू करने का निर्णय लिया है। जिनमें प्रमुख रूप से निम्न शामिल है।
- राष्ट्रीय चुनावों में मताधिकार देने संबंधी कानून।
- पेंशन तथा जीवन बीमा योजना फंड (PLIF) का निर्माण।
- पेंशन तथा बीमा फंड में सरकार की ओर से प्रतिवर्ष ₹1000 दिए जाएंगे। लाभार्थी को प्रतिवर्ष 1 से 2 हजार जमा करने होंगे।
- महिलाओं के फंड में सरकार दो हजार जमा करेगी।
- विदेश में सामान्य मृत्यु पर परिजनों को जीवन बीमा का लाभ दिया जाएगा।
- जन प्रतिनिधित्व कानून, 1950 के तहत अधिसूचना जारी कर प्रवासी भारतीयों को मतदाता सूची में पंजीयन की सुविधा प्रदान की गई है।