अतिविशिष्ट और विशिष्ट लोगों की हत्याओं से सम्बंधित कई प्रश्न परीक्षाओं में पूछें जा चुके है। 30 जनवरी 1948, गाँधी जी की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई जब वे नई दिल्ली के बिड़ला भवन (बिरला हॉउस) के मैदान में चहलकदमी कर रहे थे। इसी प्रकार 31 अक्टूबर 1984, भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या उनके ही सुरक्षाकर्मियों सतवंत सिंह और बेयन्त सिंह ने की थी। इस घटना से समूचे हिंदुस्तान में कोहराम मच गया था।
अतिविशिष्ट और विशिष्ट लोगों की हत्यायें (Murder of very specific and specific people)–
1. महात्मा गाँधी –
30 जनवरी 1948, गाँधी जी की उस समय गोली मारकर हत्या कर दी गई जब वे नई दिल्ली के बिड़ला भवन (बिरला हॉउस) के मैदान में चहलकदमी कर रहे थे। गाँधी जी की हत्या नाथूराम गोडसे ने की थी। गाँधी जी का हत्यारा नाथूराम गोडसे उन्हें पाकिस्तान को भुगतान करने के मुद्दे को लेकर भारत को कमजोर बनाने के लिये जिम्मेदार ठहराया था। गोडसे को 15 नवम्बर 1949 को फांसी दे दी गई।
2. इंदिरा गाँधी –
31 अक्टूबर 1984, भारत की प्रधानमंत्री इंदिरा गाँधी की हत्या उनके ही सुरक्षाकर्मियों सतवंत सिंह और बेयन्त सिंह ने की थी। इंदिरा की हत्या प्रधानमंत्री आवास पर करने के बाद दोनों सुरक्षाकर्मियों ने आत्मसमर्पण कर दिया था। इस घटना से समूचे हिंदुस्तान में कोहराम मच गया था। वही इंदिरा की हत्या करने वाले सतवंत सिंह को अज्ञात हत्यारों ने गोली मारकर हत्या की थी तो बेयन्त सिंह को तिहाड़ जेल में फांसी की सजा सुनाई गई।
3. राजीव गाँधी –
21 मई 1991, 1984 में इंदिरा गाँधी की हत्या के बाद उनके पुत्र राजीव गाँधी भारी बहुमत के साथ भारत के प्रधानमंत्री बने थे। उसके बाद 1989 के आम चुनावों में कांग्रेस की हार हुई और पार्टी दो साल तक विपक्ष में रही। 1991 के आम चुनाव में प्रचार के दौरान तमिलनाडु के श्रीपेरंबटूर में एक भयंकर बम विस्फ़ोट में राजीव गाँधी की मौत हो गई थी। राजीव की हत्या के पीछे श्रीलंका के दुर्दांत संगठन लिट्टे का हाथ था।
4. आर प्रेमदासा –
श्रीलंका के तीसरे राष्ट्रपति आर प्रेमदासा को एक आत्मघाती हमलावर द्वारा 1 मई, 1993 को बम विस्फ़ोट द्वारा मार दिया गया था। घटना के वक्त प्रेमदासा मई दिवस की रैली में हिस्सा ले रहें थे।
5. एस भंडारनायके –
श्रीलंका के चौथे प्रधानमंत्री भंडारनायके की 26 सितम्बर 1959 को एक बौद्ध भिक्षु ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। तल्दुवे सोमाराम नामक यह बौद्ध भिक्षु पादरियों के दल का सदस्य था। बौद्ध भिक्षु जान सुरक्षाकर्मियो ने सोमाराम की सुरक्षा जाँच नहीं की जिसके चलते वह अपने साथ एक रिवॉल्वर ले जाने में सफल हो गया और मौका पाते ही भंडारनायके की हत्या कर दी।
6. शेख मुजीबुर्रहमान –
बांग्लादेश के पूर्व राष्ट्रपति शेख मुजीबुर्रहमान को बांग्लादेशी सेना के अधिकारियों के एक दल ने उनके ही निवास पर हमला कर मौत के घाट उतार दिया था। 15 अगस्त 1975 को हुई इस घटना में हत्यारों ने मुजीबुर्रहमान के परिवार को भी नहीं बक्शा था और उनके परिवार के सदस्यों को मार डाला। हालांकि रहमान की दो बेटियां शेख हसीना और शेख रेहाना इस हत्याकांड के बीच बच निकली थी।
7. बेनज़ीर भुट्टो –
18 अक्टूबर 2007 को बेनज़ीर एक रैली को संबोधित कर रही थी। इस दौरान दो आत्मघाती हमलें हुए लेकिन बेनज़ीर बच गई। इस हमलें के दो महीने बाद ही 27 दिसम्बर 2007 को उन्होंने एक और रैली का आयोजन किया। इस दौरान फिर से उनकी रैली पर आत्मघाती हमला हुआ और इस बार उनकी इस हमले में मौत हो गई। बेनज़ीर की हत्या भी विवादित रही। सबसे पहले ये माना गया कि बम विस्फ़ोट के कारण उनकी हत्या हुई। बाद में पाकिस्तान सरकार का बयान आया कि बेनज़ीर की हत्या न तो किसी बंदूकधारी के द्वारा हुई और न ही विस्फोट की तीव्रता के कारण। बल्कि, पाकिस्तानी सरकारी बयानों के मुताबिक उनकी मृत्यु विस्फोट से बचने के लिए कार की खुल सकने वाली छत से टकराने से हुई। इस बात पर उनकी पार्टी के समर्थकों के सरकारी बयान का घोर विरोध किया। उनका कहना था कि बेनज़ीर की हत्या छर्रे लगने से हुई थी। पाक सरकार बेनज़ीर का दोबारा पोस्टमार्टम करवाना चाहती थी लेकिन उनके पति आसिफ अली जरदारी के अनुरोध पर ऐसा नहीं किया गया।
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