दुनिया की दो सबसे महत्वपूर्ण नहरें पनामा और स्वेज (panama and suez canal) के लिए क्रांति भी हुई और जंग लड़ी गई। आज ये खासतौर से अमेरिका और ब्रिटेन का बड़ा सहारा हैं। इन देशो के व्यापार व रक्षा हित इन्हीं दो नहरों से जुड़े है। हालाँकि आज ये नहरें कई देशों को फ़ायदा पहुँचा रही है। इनसे जहाजों का सफ़र न केवल सहज होता है, दूरी भी कम होती है। ये इंजीनियरिंग की मिसाल भी मानी जाती है।
दुनिया की दो सबसे महत्वपूर्ण नहरों पर एक नजर–
पनामा नहर (Panama Canal):-
➢ 1914 में बनी पनामा नहर 77 किमी. लम्बे अंतर्राष्टीय समुद्री मार्ग पर है। यह अटलांटिक महासागर से प्रशांत महासागर को जोड़ती है।
➢ पनामा पहले कोलंबिया का हिस्सा था। अमेरिका ने उसके यहाँ नहर बनाने की योजना पेश की थी, पर कोलंबिया ने उसे खारिज कर दिया। तब अमेरिका के प्रयासों से पनामा में क्रांति हुई।
➢ 1903 में पनामा स्वतंत्र हो गया। वहाँ की नई सरकार ने अमेरिका को नहर बनाने की इजाज़त तो दी ही, बड़े क्षेत्र पर उसे एकाधिकार भी दे दिया। तब से आज तक यह नहर अमेरिका के व्यापारिक और रक्षा हितो के लिए अतिमहत्वपूर्ण है। अगर यह नहीं होती तो जहाजों को पूरब की ओर जाने में 12 हजार 875 किमी. का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ता।

स्वेज नहर (Suez canal):-
➢ 1858 में फ्रांस और मिस्र ने अपने फायदे के लिए यूनिवर्सल स्वेज नहर कंपनी बनाई। 1869 में नहर बना ली गई। इससे व्यापारिक जहाजों को यात्रा में लगने वाला समय कम हो गया।
➢ यह नहर भूमध्यसागर और लाल सागर को जोड़ती है। 1875 में कर्ज में दबे मिस्र ने कंपनी के कुछ शेयर ब्रिटेन को बेच दिये। इससे ब्रिटेन को दक्षिण एशिया तक पहुँचना आसान हो गया। 1888 में इसे सभी देशों के लिए खोल दिया गया।
➢ 1956 में इजऱायल ने नहर पर कब्ज़ा करने के लिए मिस्र से युद्ध किया। बाद में इजऱायल पीछे हटा। नहर पर निंयत्रण के लिए कई देशों ने हतकन्डे अपनाए। आज इसका निंयत्रण स्वेज कैनाल अथॉरिटी के पास है।
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