रैमन मैग्सेसे पुरस्कार की स्थापना अप्रैल 1957 में हुई थी। यह पुरस्कार फिलीपींस के दिवंगत राष्ट्पति रैमन मैग्सेसे की याद में दिया जाता है। यह पुरस्कार अप्रैल 1957 में फिलीपीन सरकार की सहमति से न्यूयॉर्क शहर स्थित रॉकफेलर ब्रदर्स फंड के ट्रस्टियों द्वारा स्थापित किया गया था। रैमन मैग्सेसे पुरस्कार एशिया का प्रमुख और सर्वोच्च सम्मान वाला पुरस्कार है। यह एशिया में अच्छी भावना और परिवर्तनकारी नेतृत्व को सम्मानित करता है। पुरस्कार फिलीपींस के मनीला शहर में फिलीपींस के बेहद सम्मानित राष्ट्रपति जिनके आदर्शों ने इस पुरस्कार की नींव डाली, के जन्म दिवस 31 अगस्त को, एक औपचारिक समारोह में प्रदान किया जाता है। रैमन मैग्सेसे पुरस्कार को एशिया का नोबल पुरस्कार भी कहा जाता है। यह पुरस्कार 6 श्रेणियों में दिया जाता है।
ये श्रेणियां हैं–
- सरकारी नौकरी (जीएस)
- लोक सेवा (पीएस)
- सामुदायिक नेतृत्व (सीएल)
- पत्रकारिता, साहित्य एवं रचनात्मक संचार कला (जेएलसीसीए)
- शांति एवं अंतरराष्ट्रीय समझ (पीआईयू)
- अनपेक्षित नेतृत्व (ईएल)
✯ उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 तक यह पुरस्कार 6 विभिन्न श्रेणियों में प्रदान किए जाते थे परंतु उसके पश्चात श्रेणियों को समाप्त कर दिया गया।
✯ आचार्य विनोबा भावे पहले भारतीय थे जिन्हें इस प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। वहीं, मदर टेरेसा पहली भारतीय महिला थी जिन्हें इस पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
रैमन मैग्सेसे पुरस्कार जीतने वाले भारतीयों की सूची–
नाम | वर्ष | श्रेणी |
---|---|---|
विनोबा भावे | 1958 | सामुदायिक नेतृत्व |
चिंतामन देशमुख | 1959 | सरकारी नौकरी |
अमिताभ चौधरी | 1961 | पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला |
मदर टेरेसा | 1962 | शांति और अंतरराष्ट्रीय समझ |
दारा खुरोदे | 1963 | सामुदायिक नेतृत्व |
वर्गिज कुरियन | 1963 | सामुदायिक नेतृत्व |
त्रिभुवनदास पटेल | 1963 | सामुदायिक नेतृत्व |
वेल्दी फिशर | 1964 | शांति और अंतरराष्ट्रीय समझ |
जयप्रकाश नारायण | 1965 | लोक सेवा |
कमलादेवी चट्टोपाध्याय | 1966 | सामुदायिक नेतृत्व |
सत्यजीत रे | 1967 | पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला |
मोनकाम्पू संबासिवन स्वामीनाथन | 1971 | सामुदायिक नेतृत्व |
एम.एस. सुब्बालक्ष्मी | 1974 | लोक सेवा |
बूबलि जॉर्ज वर्गिज | 1975 | पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला |
हेनिंग हॉल्क– लार्सन | 1976 | शांति और अंतरराष्ट्रीय समझ |
ईला रमेश भट्ट | 1977 | सामुदायिक नेतृत्व |
माबेली अरोली | 1979 | सामुदायिक नेतृत्व |
रजनीकांत अरोली | 1979 | सामुदायिक नेतृत्व |
गौर किशोर घोष | 1981 | पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला |
प्रमोद करण सेठी | 1981 | सामुदायिक नेतृत्व |
चांदी प्रसाद भट्ट | 1982 | सामुदायिक नेतृत्व |
मणिभाई देसाई | 1982 | लोक सेवा |
अरुण शौरी | 1982 | पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला |
रासीपुरम लक्ष्मण | 1984 | पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला |
मुरलीधर आम्टे | 1985 | लोक सेवा |
लक्ष्मी चांद जैन | 1989 | लोक सेवा |
के. बी. सुब्बान्ना | 1991 | पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला |
रवि शंकर | 1992 | पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला |
बन्नो जाहंगीर कोयाजू | 1993 | लोक सेवा |
किरण बेदी | 1994 | सरकारी नौकरी |
पांडुरंग अठावले | 1996 | सामुदायिक नेतृत्व |
तिरुनेल्लई शेषण | 1996 | सरकारी नौकरी |
महाश्वेता देवी | 1997 | पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला |
जॉकिन अरपुथम | 2000 | शांति और अंतरराष्ट्रीय समझ |
अरुणा रॉय | 2000 | सामुदायिक नेतृत्व |
राजेन्द्र सिंह | 2001 | सामुदायिक नेतृत्व |
संदीप पांडे | 2002 | अनपेक्षित नेतृत्व |
जेम्स माइकल लिंग्दोह | 2003 | सरकारी नौकरी |
शांति सिन्हा | 2003 | सरकारी नौकरी |
लक्ष्मीनारायण रामदास | 2004 | शांति और अंतरराष्ट्रीय समझ |
वी. शांता | 2005 | लोक सेवा |
अरविन्द केजरीवाल | 2006 | अनपेक्षित नेतृत्व |
पालागुम्मी साईनाथ | 2007 | पत्रकारिता, साहित्य और रचनात्मक संचार कला |
मंदाकिनी आम्टे | 2008 | सामुदायिक नेतृत्व |
दीप जोशी | 2009 | सामुदायिक नेतृत्व |
नीलिमा मिश्रा | 2011 | अनपेक्षित नेतृत्व |
हरीश हांडे | 2011 | सामुदायिक नेतृत्व |
कुलानदेई फ्रांसिस | 2012 | अनपेक्षित नेतृत्व |
अंशु गुप्ता और संजीव चतुर्वेदी | 2015 | अनपेक्षित नेतृत्व |
विजवाड़ा विल्सन और टीएम कृष्णा | 2016 | अनपेक्षित नेतृत्व |
सोनम वांगचुक और भरत वाटवानी | 2018 | समाजसेवा |
रवीश कुमार | 2019 | पत्रकारिता |
भारत के वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार को साल 2019 के रेमन मैग्सेसे पुरस्कार के लिए चुना गया है। रवीश कुमार के अलावा, इस साल (2019) के रेमन मैग्सेसे पुरस्कार के चार अन्य विजेताओं में म्यामांर के कोस्वेविन, थाइलैंड की अंगखाना नीलापाइजित, फिलीपीन के रैयमुंडो पुजंते और दक्षिण कोरिया के किम जोंग की शामिल हैं।
कोरोना वायरस महामारी के कारण रैमन मैग्सेसे पुरस्कार को 2020 में रद्द कर दिया गया है। यह तीसरी बार है जब रैमन मैग्सेसे पुरस्कार को पिछले छह दशकों में रद्द किया गया हो। इन पुरस्कारों को 1970 में आर्थिक संकट के चलते और 1990 में विनाशकारी भूकंप की वजह से पूर्व में भी रद्द किया जा चुका है।