भारत का योजना आयोग, भारत सरकार की एक संस्था थी जिसका प्रमुख कार्य पंचवर्षीय योजनायें बनाना था। 2014 में इस संस्था का नाम बदलकर नीति आयोग (राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान) किया गया। भारत में योजना आयोग के संबंध में कोई संवैधानिक प्रावधान नहीं है।
15 मार्च 1950 को केंद्रीय मंत्रिमंडल द्वारा पारित प्रस्ताव के द्वारा योजना की स्थापना की गई थी। योजना आयोग का अध्यक्ष प्रधानमंत्री होता है। 17 अगस्त 2014 को योजना आयोग खत्म कर दिया गया और इसके जगह पर नीति आयोग का गठन हुआ। नीति आयोग भारत सरकार की एक थिंक टैंक है।
स्वतंत्रता के बाद भारत ने योजना बनाने का एक औपचारिक मॉडल अपनाया और इसके तहत योजना आयोग, जो सीधे भारत के प्रधानमंत्री को रिपोर्ट करता था, का गठन 15 मार्च 1950 को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में किया गया।
योजना आयोग की जगह नीति आयोग क्यों बना इसके निम्नलिखित कारण है –
योजना आयोग:-
● योजना आयोग का गठन 15 मार्च 1950 को प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में हुआ था।
● योजना आयोग देश के विकास से संबंधित योजनाएं बनाने का काम करता था।
● योजना आयोग ने 12 पंचवर्षीय योजनाएं बनाईं। योजना आयोग ने 2000 करोड़ रुपए से पहली पंचवर्षीय योजना 1951 में शुरू की थी।
● योजना आयेग के अध्यक्ष भी प्रधानमंत्री ही होते थे, लेकिन कभी भी मुख्यमंत्रियों से सलाह नहीं ली जाती थी। मुख्यमंत्री अगर कोई सुझाव देना चाहते थे तो वे विकास समिति को देते थे। जो समीक्षा के बाद योजना आयोग को दी जाती थी। निजी क्षेत्र की भागीदारी योजना आयोग में कतई नहीं थी।
योजना आयोग के कार्य:-
● देश के भौतिक, पूंजीगत और मानव संसाधनों का अनुमान लगाना।
● मानव संसाधन के कुशल एवं संतुलित उपयोग हेतु योजना तैयार करना।
● योजना के विभिन्न चरणों का निर्धारण करना और प्राथमिकता के आधार पर संसाधनों के आवंटन का प्रस्ताव देना।
नीति आयोग:-
● 17 अगस्त 2014 को योजना आयोग खत्म कर दिया गया और इसके जगह पर नीति आयोग का गठन हुआ। नीति आयोग भारत सरकार की एक थिंक टैंक है।
● प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाले नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपाल बतौर सदस्य शामिल होंगे।
● अंतर– मंत्रालयी सहयोग और केंद्र–राज्य समन्वय (सहकारी संघवाद) को बेहतर कर यह आयोग नीतियों की धीमी और मंद कार्यान्वयन को समाप्त करना चाहता है।
● प्रधानमंत्री इसके पदेन अध्यक्ष हैं और अर्थशास्त्री डॉ. राजीव कुमार नीति आयोग के उपाध्यक्ष है जबकि मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री अमिताभ कांत हैं।
नीति आयोग के कार्य:-
● गांव स्तर पर विश्वसनीय योजना तैयार करने और सरकार के उच्च स्तर पर उत्तरोत्तर इनको एकत्र करने के लिए तंत्र विकसित करना
● राष्ट्रीय लक्ष्यों के आलोक में राज्यों की सक्रिए भागीदारी के साथ राष्ट्रीय विकास प्राथमिकता क्षेत्रों और रणनीति का साझा दृष्टिकोण विकसित करना।
● यह सुनिश्चित करना कि जो क्षेत्र खास तौर पर नीति आयोग को दिए गए हैं,उनमे आर्थिक रणनीति और नीतियों में राष्ट्रीय सुरक्षा के हितों को शामिल किया गया है।
● हमारे समाज के कुछ वर्गों, जिन पर आर्थिक प्रगति से पर्याप्त रूप से लाभान्वित न होने के का खतरा हो, पर विशेष ध्यान देना।
● महत्वपूर्ण हितधारकों तथा समान विचारधारा वाले राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय थिंक टैंक और साथ ही साथ शैक्षिक और नीति अनुसंधान संस्थानों के बीच भागीदारी को परामर्श और प्रोत्साहन देगा।
● सशक्त राज्य ही सशक्त राष्ट्र का निर्माण कर सकता है इस तथ्य की महत्ता को स्वीकार करते हुए राज्यों के साथ सतत आधार पर संरचनात्मक सहयोग की पहल और तंत्र के माध्यम से सहयोगपूर्ण संघवाद को बढ़ावा देगा।
● अत्याधुनिक कला संसाधन केंद्र बनाना जो सुशासन तथा सतत और न्यायसंगत विकास की सर्वश्रेष्ठ कार्यप्रणाली पर अनुसंधान करने के साथ-साथ हितधारकों तक जानकारी पहुंचाने में भी मदद करेगा।