The internal security system of India
The internal security system of India

भारत की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था

भारतीय प्रतिरक्षा से संबंधित कुछ प्रमुख संस्थाओं का विविरण नीचे दिया गया है कई विभिन्न एग्जामों में भारत की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था से सम्बंधित प्रश्न पूछे जा चुके है यदि आप विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं जैसे:एसएससी, आईपीएस, पुलिस सब-इंस्पेक्टर, बैंक पी.ओ, सी.डी.एस, संविदा शिक्षक, पी.एस.सी, रेलवे, व्यापमं तथा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे है तो यह आर्टिकल आपके लिए सहायक सिद्ध होगा।

भारत की आंतरिक सुरक्षा व्यवस्था से संबंधित प्रमुख संस्थाओं का विविरण इस प्रकार हैं –

● असम रायफल्स (AR):-
पूर्वोतर में भारत – म्यामांर सीमा और भारत – चीन सीमा की सुरक्षा असम रायफल्स द्वारा की जाती है । देश की इस प्राचीनतम अर्द्धसैनिक बल की स्थापना 1835 ई. में कछार लेवी के नाम से किया गया था । यह केंद्रीय सशस्त्र बल है जिसकी 46 बटालियने हैं। इसका मुख्यालय शिलांग में है। इस बल को प्यार से ‘पूर्वोतर का प्रहरी’ और ‘पर्वतीय लोगों का मित्र’ कहा जाता है।

● केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF):-
इसकी स्थापना 1939 ई. में की गई। इसका मुख्यालय दिल्ली में है। इसे पहले क्राउन रिप्रेजेंटेटिव पुलिस कहा जाता है। 28 दिसंबर, 1949 के बाद इसे सीआरपीएफ कहा जाने लगा। राजस्थान के माउन्ट आबू एकेडमी स्थित है। यहाँ इस कल का अधिकारीयों को ट्रेनिंग दी जाती है। इसके अलावा नीमच (म.प्र.), कोयम्बटूर (तमिलनाडू) और नांदेड (महाराष्ट्र) में सीआरपीएफ के तीन प्रशिक्षण कॉलेज हैं जहाँ अधीनस्थ अधिकारीयों के लिए पाठ्यक्रम चलाए जाते हैं।

● नेशनल कैडेट कोर (NCC):-
इसकी स्थापना 1948 ई. मी की गई थी। इसका मुख्य उद्देश्य था भारत की रक्षा के प्रति युवकों तथा युवतियों को जागरूक करना तथा उन्हें अंतिम रक्षा पंक्ति के लिए तैयार रखना। इसका आदर्श वाक्य ‘एकता और अनुशासन’ है।

● प्रादेशिक सेना (TA):-
इसका गठन रक्षा की द्वितीय पंक्ति के रूप किया गया है। इसमें 18 वर्ष से 35 वर्ष की आयु के नौजवान नागरिक भर्ती किए जाते हैं। इन्हें पार्ट टाइम मै सैनिक प्रशिक्षण दिया जाता है और आपात स्थिति में इस सेना को बुलाया जाता है।

● भारत – तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP):-
भारत – तिब्बत सीमा पुलिस का गठन चीन आक्रमण के बाद आक्टूबर 1962 को किया गया था। इसका गठन खुफिया/सिग्नल/पायनियर/इंजीनियरिंग/ चिकित्सा और छापामार की एकीकृत इकाई के रूप में किया गया था और नियंत्रण प्रारंभ में खुफिया ब्यूरो हाथों में क्या गया था। वर्ष 1975 में इसके कार्यक्षेत्र की पुन: व्याख्या की गई जिसके तहत इन पर सीमा पार से घुसपैठ और अपराध को रोकने को उत्तरदायित्व सौंपा गया। भारत – तिब्बत सीमा पुलिस का मुख्यालय नई दिल्ली में है और इसका अध्यक्ष महानिदेशक होता है।आईटीबीपी का आदर्श वाक्य ‘शौर्य – दृढ़ता – कर्मनिष्ठ’ है। यह बल वर्तमान में मध्य और पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में आपदा प्रबंधन की नोडल एजेंसी का दायित्व संभालने के साथ- कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों को सुरक्षा क्षेत्र में आपदा प्रबंधन की नोडल एजेंसी का दायित्व संभालने के साथ- साथ कैलाश मानसरोवर यात्रा के दौरान तीर्थ यात्रियों को सुरक्षा – संचार और स्वास्थ्य सुविधाएँ भी उपलब्ध करवाता है। चार विशेष बटालियनों सहित भारत – तिब्बत सीमा पुलिस में कुल 29 बटालियन हैं।

● सशस्त्र सीमा बल (SSB):-
15 दिसंबर, 2003 से पहले तक इसका नाम स्पेशल सर्विस ब्यूरो था। इसका गठन 1963 में किया गया था। इसके गठन का मुख्य उद्देश्य 1962 के भारत- चीन युद्ध के बाद सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों में विश्वास पैदा करना और देशभक्ति की भावना का विकास करना था। एसएसबी इससे पहले भारत- चीन के सीमावर्ती क्षेत्रों के अलावा राजस्थान, गुजरात, मिजोरम, नागालैंड, मणिपुर मेघालय और सिक्किम की सीमाओं में अपनी सेवा दे चुका है।

● सीमा – सुरक्षा बल (BSF):-
इसकी स्थापना 1965 ई. में की गई। इसका प्रमुख कार्य शत्रु सेना की घुसपैठ तथा सीमा- उल्लंघन से अपने देश की सुरक्षा सीमा को सुरक्षित बनाना है। (मुख्यालय – नई-दिल्ली)

● केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF):-
इसकी स्थापना 1969 ई. में की गयी थी। इस बल पर केंद्रीय सरकार के औद्योगिक परिसरों में काम करने वाले कारीगरों और वहां की संपत्ति को सुरक्षा प्रदान करने की जिमीदारी है। इस बल के अधिकारियों को हकीमपेट (हैदराबाद) में स्थित राष्ट्रीय औद्योगिक सुरक्षा अकादमी में प्रशिक्षण दिया जाता है।

● राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड्स (NSG):-
देश में आंतकवाद की चुनौती का सामना करने के लिए 1984 में राष्ट्रीय गार्ड्स की स्थापना की गई। एनएसजी यूके के एसएस और जर्मनी के जीएस्त्रजी – 9 कमांडो बलों के पैटर्न पर आधारित है। इसके दो समूह हैं – स्पेशल एक्शन ग्रुप (एस.ए.जी.) जिसमें सैन्य कर्मचारी होते हैं और स्पेशल ग्रुप (एस. आर. जी) जिसमें राज्य पुलिस बलों के कर्मचारी होते हैं। एनएसजी कमांडो को आमतौर पर ब्लैक बेल्ट कमांडो के नाम से जाना जाता है। इनकी ट्रेनिंग मानेसर, हरियाणा में होती है।

● गृह रक्षावाहिनी:-
इसकी स्थापना 1962 ई. में की गई। इसका मुख्य कार्य आंतरिक सुरक्षा में पुलिस की सहायता करना, हवाई हमले के दौरान सहायता करना, आग तथा बीमारी के दौरान हर प्रकार की सहायता करना है।

नोट:- त्वरित कार्य बल (रैपिड एक्शन फ़ोर्स) सीआरपीएफ का ही भाग है जिसकी स्थापना दंगों जैसी स्थितियों में निपटने के लिए 1992 में की गई थी।

संगठनस्थापना-वर्षमुख्यालय
असम राइफल्स (AR)1835 ईशिलांग
केन्द्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF)1939 ईनई-दिल्ली
होम गार्ड्स (HG)1946 ईविभिन राज्यो में
राष्टीय कैडेट कोर (NCC)1948 ईनई-दिल्ली
प्रादेशिक सेना (TA)1949 ईविभिन राज्यो में
भारत तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP)1962 ईनई-दिल्ली
इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB)1964 ईनई-दिल्ली
सीमा सुरक्षा बल (BSF)1965 ईनई-दिल्ली
केन्द्रीय ओद्योगिक सुरक्षा बल (CISF)1969 ईनई-दिल्ली
तट रक्षा बल (Coast Guards)1978 ईनई-दिल्ली
राष्टीय सुरक्षा गार्ड (NSG)1984 ईनई-दिल्ली
रैपिड एक्शन फ़ोर्स (RAF)1992 ईनई-दिल्ली
राज्य पुलिस (State Police)सभी राज्यो में
स्त्रोत :- जीके बुक्स एवं न्यूज़ पेपर्स

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